शुभम सोती फाउंडेशन 2010 से प्रति वर्ष 5 जनवरी को सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम करता चला आ रहा है।
15 जुलाई 2010 को मेरे पुत्र शुभम सोती की एक आकस्मिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
शुभम सोती फाउन्डेशन सन 2010 से निरंतर सड़क सुरक्षा जागरूकता एवं इस क्षेत्र में व्यवहार परिवर्तन को लक्ष्य बनाते हुए नियमित रूप से प्रतिवर्ष प्रतिमाह कुछ ना कुछ सामाजिक कार्य सम्पादित होता है।
इस वर्ष 5 जनवरी से दस दिन के लिए शुभम सोती फाऊंडेशन ने साइकिलों, इ-रिक्शाओं, ट्रॉली एवं ऐसे वाहनों पर जिसमें अधिकांशतः पीछे की लाइट या तो टूटी होती है या होती ही नहीं है, उन पर रेट्रो रिफ्लेक्टर की पट्टियां लगाने का कार्य किया।
हमें आशा है कि इस छोटे से प्रयास से संभवतः हमारी संस्था ने सड़क सुरक्षा जागरूकता में अपनी भागेदारी दर्ज कराई होगी।क्योंकि इस घने कोहरे में पीछे से रेडियम की इन पट्टियों की चमक दिखाई देती है और सड़क पर ऐसे वाहन अपनी उपस्थिति दर्ज कर पाते हैं, इससे कोहरे की दशा में इस रेट्रो रिफ्लेक्टर से दुर्घटनाओं में भी कमी अवश्य ही आएगी।
इसी क्रम में आज दस दिन से चल रहे उपरोक्त अभियान जिसमें हमने शहर के विभिन्न चौराहों पर, कहीं कहीं पर समाचार पत्र वितरकों की साइकिलों पर रेट्रो रिफ्लेक्टर रेडियम की पट्टियां लगाईं। आज अंतिम दिन शहीद पथ के नीचे उतरेठिया क्रॉसिंग पर अनेकों अनेक वाहनों पर रेडियम की पट्टियां लगाईं।
इस आयोजन में टीएसआई नीतीश चंद्र शुक्ला,
टीएसआई आसिफ अख्तर,
एचसीपी चंद्र भूषण यादव,
सिपाही सुधांशु कुमार,
होम गार्ड अमित शुक्ला सहित शुभम सोती फाउंडेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी आशीष सिंह एवं विनीत मिश्रा उपस्थित थे।
शुभम सोती फाउंडेशन ने 5 जनवरी से प्रारंभ कर दस दिनों में लगभग 10 हजार ऐसे वाहनों में जिनमें बैकलाइट नहीं थी, लखनऊ शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रेट्रो रिफ्लेक्टर रेडियम की पट्टियां लगाने का कार्य किया।