महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. लेल्ला कारुण्यकरा ने शिक्षक दिवस 5 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि अच्छा इंसान होना शिक्षक बनने की पहली शर्त है।
विश्वविद्यालय के गालिब सभागार में सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर साहित्य विद्यापीठ की प्रो. प्रीति सागर, मानवविज्ञान विभाग के प्रो. फरहद मल्लिक एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपा शंकर चौबे मंचासीन थे। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. कारुण्यकरा ने विश्वविद्यालय के साहित्य विद्यापीठ के एसोशिएट प्रो. डॉ. उमेश कुमार सिंह, गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र, दूर शिक्षा निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रवींद्र बोरकर, चीनी भाषा के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिर्बान घोष, जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. रेणु सिंह, डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरजीत कुमार सिंह, प्रयागराज केंद्र में सहायक प्रोफेसर डॉ. मिथिलेश कुमार तिवारी, भाषा अभियांत्रिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. हर्षलता पेटकर एवं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर सिद्दो- -कान्हू मुर्मू दलित एवं जनजातीय अध्ययन केंद्र की सहायक प्रोफेसर डॉ. किरण कुंभरे को उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सूत माला, अंगवस्त्र एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
कुलपति ने कहा कि शिक्षकों का काम अनेक चुनौतियों से भरा हुआ होता है। शिक्षक को विद्यार्थियों को गढ़ने के लिए चुनौती स्वीकार करनी चाहिए और विश्वविद्यालय को अकादमिक ऊंचाई देने में हरसंभव योगदान करना चाहिए। शिक्षक पूरे जीवन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने अकादमिक उन्नयन की दृष्टि से कक्षा में विद्यार्थियों से संवाद करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर शिक्षकों साल भर की अकादमिक उपलब्धियों के आधार पर सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए कहा कि वे महान दर्शनशास्त्री और अद्वैत वेदांत के निष्णात थे। एक शिक्षक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रो. प्रीति सागर ने किया। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपा शंकर चौबे ने किया तथा मानवविज्ञान विभाग के प्रो. फरहद मल्लिक ने आभार ज्ञापित किया। कुलपति प्रो. कारुण्यकरा ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन के फोटो पर माल्यार्पण कर अभिवादन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत से तथा समापन राष्ट्रगान से किया गया। कार्यक्रम में अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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