18 मण्डलों में दलित व एक मुस्लिम को संयोजक

पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक कार्ड को बहुजन समाज पार्टी अपने सोशल इंजीनियरिंग मैनेजमेंट के माध्यम से अपने पक्ष में करने की कवायद कर रही है इसी सिलसिले में उसने बसपा ने मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन के लिए 100 मुद्दों से जुड़े पत्र को जारी किया है जिसका मकसद बसपा से मुस्लिम संगठन, पिछड़ा और दलित जुड़ सके क्योंकि पीडीए की राजनीति समाजवादी पार्टी और नेशनल कांग्रेस पार्टी पहले से ही कर रही है लेकिन बहुजन समाज पार्टी अपने सोशल इंजीनियरिंग मैनेजमेंट के माध्यम से इन दोनों पार्टियों के समीकरण को अपने समीकरण में तब्दील करने की नीयत से बैठक सुश्री. मायावती ने राष्ट्रीय कार्यालय लखनऊ में की जिसमें 18 मंडलों के पदाधिकारी समेत विधानसभा स्तर के प्रभारी शामिल थे।
पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक समीकरणों को अपने में शामिल करने क लिए अभी से सुश्री मायावती ने उत्तर प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में अर्थात् प्रत्येक मण्डल-वार मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन’ के तहत एक दलित व एक मुस्लिम को संयोजक बनाया गया है। ये दोनों लोग मिलकर अपने मण्डल में, प्रत्येक विधानसभा-वार मुस्लिम समाज में जाकर तथा उनके बीच छोटी-छोटी बैठकें करके उन्हें बी.एस.पी. में जोड़ने का कार्य करेंगे। कैडर आधारित इन भाईचारा बैठकों में ये दोनों मण्डल स्तरीय संयोजक-गण, मुस्लिम समाज के लोगों को बी.एस.पी. के मिशन के बारे में बताने के साथ-साथ, उन्हें पार्टी का सदस्य भी बनायेंगे तथा भाईचारा के आधार पर बहुजन समाज को आपस में जोडने के इस मिशनरी कार्य की प्रगति रिपोर्ट सीधे बी.एस.पी. प्रदेश कार्यालय के ज़रिये बहनजी के संज्ञान में भी लायेंगे।

बी.एस.पी., जाति व धार्मिक द्वेष के आधार पर तोड़े, सताये व पछाड़े जा रहे लोगों के बीच आपसी भाईचारा के आधार पर उन्हें जोड़ने के लिये समर्पित/कटिबद्ध है। बिना किसी भेदभाव के सभी के जान-माल व मज़हब की सुरक्षा तथा रोज़ी-रोटी सहित सम्मान के साथ उन्हें जीने का संवैधानिक हक मिले, इसके लिये बी.एस.पी. संघर्षरत व सत्ता ज़रूरी। यें बातें बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की बैठक में राष्ट्रीय कार्यालय माल एवेन्यु में कही।
बसपा प्रमुख ने कहा कि बी.एस.पी. देश के करोड़ों-करोडों़ वंचित, शोषित, उपेक्षित ग़रीब बहुजनों को ’पावर और पद ;च्वूमत ंदक च्वेजद्ध के ज़रिए ’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक विकास’ चाहती है, जबकि विरोधी पार्टियाँ इन वर्गों में से कुछ स्वार्थी लोगों को कोई ’पद’ (पोस्ट) बड़ी मजबूरी में कभी दे देती हैं, किन्तु उन्हें ’पावर यानी सत्ता की शक्ति’ देना कतई स्वीकार नहीं है, जिससे मुक्ति हेतु बहुजनों की अपनी अम्बेडकरवादी पार्टी बी.एस.पी. की सरकार बनाना ज़रूरी।
बसपा प्रमुख ने कहा कि मुस्लिम समाज की एकजुटता के साथ, सपा व कांग्रेस पार्टी आदि के बजाय, बी.एस.पी. को सीधे ही समर्थन करना ज़रूरी ताकि बीजेपी की घातक राजनीति को चुनाव में हराया जा सके। मुस्लिम समाज के एकतरफा समर्थन व वोट देने के बावजूद सपा बीजेपी को हराने में विफल, यह चुनावी अनुभव से है।
बहन कु. मायावाती ने कहा कि सरकार मुस्लिम समाज के लोगों की भलाई, उन्नति एवं तरक़्क़ी के लिये और भी कई अन्य महत्वपूर्ण काम करना चाहती थी, लेकिन केन्द्र सरकार के जातिवादी द्वेष एवं सौतेले रवैये के कारण बहुत से निर्णय समय के हिसाब से नहीं लिये जा सके।
इसके अलावा, बहनजी ने, विरोधी पार्टियों की तरह बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की कार्यशैली से हटकर, संसद व राज्य विधानमण्डल में अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व दिया तथा योग्य मुस्लिम प्रतिनिधियों को आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया। साथ ही, सरकार बनने पर मुस्लिम समाज को हर स्तर पर उचित भागीदारी सुनिश्चित करते हुये, उन्हें उच्च पदों से नवाज़ा गया ताकि वे समाज के लोगों की ईमानदारी से सेवा कर सकें।
अब अन्त में पार्टी सौ पते की एक बात यह कहना चाहती है कि बी.एस.पी. सामाजिक भाईचारा के आधार पर ’बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को अर्थात् अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक, अल्पसंख्यक समाज के लोगों को जोड़ कर उन्हें ’शोषित वर्ग से शासक वर्ग’ (हुकुमरान जमात) बनाने की मुहिम है, जिसमें गरीब व मज़लूम ही दूसरे मज़लूम का सहारा बन सकता है और अन्ततः राजनीतिक शक्ति बनकर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की चाहत व संघर्ष के मुताबिक सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके, दूसरोें की लाचारी व गुलामी से मुक्त होकर अपनी किस्मत का वह ख़ुद मालिक बन सकता है, जिससे फिर देश का संविधान व लोकतंत्र मजबूत होगा तथा यहाँ के करोड़ों-करोड़ों लोग फिर ग़रीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि के अभिशाप से मुक्ति पाकर, सही मायने में खुश और खुशहाल बनेंगे, यही सही व सच्चा देशहित है।

इसके अलावा बैठक में, जिसमें मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन के पदाधिकारियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के स्टेट अध्यक्ष एवं सभी जिलाध्यक्ष व मण्डल प्रभारी भी उपस्थित थे, उनको निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (ैचमबपंस प्दजमदेपअम त्मअपेपवद.ैप्त्) से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया कि वह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में अपने-अपने जिलों के बूथ स्तर तक यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित प्रक्रिया का पूर्णरूप से अनुपालन करते हुये कि किसी भी मतदाता का नाम सूची में सम्मिलित होने से छूट न जाये और जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। उनका निर्धारित फार्म भरवाकर व सम्बन्धित दस्तावेज लगाकर उनके नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने का भी कार्य करायें।
इस बैठक में उत्तर प्रदेश के सभी मण्डलों एवं जिला अध्यक्षों समेत प्रभारी मौजूद रहे।
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