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महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पारित करने की जन्मदिन पर मांग

वाराणसी।
वाराणसी के प्रमुख महिलाओं के अधिकारों के पक्षधरों द्वारा, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मान्यवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनसे अपील की है कि वे संसद के इस विशेष सत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित महिला आरक्षित विधेयक को पारित करें। इस विधेयक को पारित करने का उनका दावा है कि यह एक लाखों महिलाओं के लिए एक जन्मदिन का उपहार होगा।

मानवाधिकार जननिगरानी समिति और सावित्री बाई फुले महिला पंचायत के कार्यक्रम निदेशक के रूप में सेवा करते हुए, शिरीन शबाना खान ने भारतीय संसद के भीतर लंबे समय से प्रतीक्षित महिला आरक्षित विधेयक को पारित करने के लिए एक प्रयासशील याचिका अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का संदेश है, एक महिला का स्थान घर में है, लोगों का घर है, हमारी लोकसभा! यह स्पष्ट रूप से बताता है कि भारतीय राजनीति में लैंगिक समानता को प्राप्त करने की तत्वरूपी आवश्यकता है। इस प्रयास को चैंज डॉट ओ आर जी पर होस्ट किया गया है, जो व्यापक समर्थन और सहभागिता के लिए एक मंच प्रदान करता है, और इसमें तकरीबन 4,500 लोगों का समर्थन है।

शिरीन शबाना खान ने बताया कि इस अभियान का समर्थन महिलाओं के साथ ही कई पुरुषों ने भी किया है।

तीन दशकों से अधिक समाज सेवा में समर्पित और कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से अलंकृत डॉ लेनिन रघुवंशी ने महिला आरक्षण बिल के समर्थन में कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना हम संघर्ष को हल नहीं कर सकते, हम युद्धों को नहीं रोक सकते और इससे भी अधिक काम में विविध और शांतिपूर्ण समावेशी टिकाऊ लोकतंत्र नहीं होगा। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए, राज्य विधानसभाओं और संसद में महिलाओं के लिए कम से कम 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है, और इसको पारित करने के लिए चिट्ठी भी लिखी है।

इस संदर्भ में, शिरीन शबाना खान ने राजनीतिक दलों, मान्यवर प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल, और संसद सदस्यों को पत्र लिखकर समर्थन मांगने का प्रयास किया है। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र भाई कालूभाई मुंजपारा ने केंद्रीय कानून मंत्री को पत्र लिखा है। उनके पत्र पर सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग से औपचारिक प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें संविधान में संशोधन से पहले राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, और इससे सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई है। पहले ही, उन्होंने मान्यवर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को लोक शिकायत पर दर्ज होने के बाद कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग से जवाब आया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की प्रवक्ता और राज्य अध्यक्ष सुश्री विद्या चव्हाण ने ट्विटर पर इस पेटीशन का समर्थन किया है।

मानवाधिकार जननिगरानी समिति और सावित्री बाई फुले महिला मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद से मिलकर चर्चा की और आगामी चुनावों में महिला आरक्षण के लिए जोरदार समर्थन जुटाने का निर्णय लिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत टिकट आवंटित करके इस पहल का समर्थन दिया है।

राजनीतिक कार्यकर्ता अभिमन्यु प्रताप का मानना है कि इस पहल के समर्थन से महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा, जिससे भारतीय लोकतंत्र को और भी मजबूत, न्यायसंगत, और समावेशी बनाने का समर्थन होगा।

 

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