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अक्षरांकन कार्यशाला में विद्यार्थियों ने सीखी नरगट कलम व स्याही से लिखने की बारिकीयां

 शिक्षा विद्यापीठ, शिक्षा विभाग महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) द्वारा अक्षरांकन कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला शिक्षा विभाग के कक्ष सं. 206 में आयोजित की गई। इस कार्यशाला में शिक्षा विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर जी की गरिमामय उपस्थिति रही । प्रो. गोपाल जी ने दीप प्रज्वलित कर एवं नरगट कलम व स्याही से दो शब्द लिखकर कार्यशाला का उद्घाटन किया।     इस अवसर पर उन्होंने कार्यशाला को सफल बनाने हेतु अपने आशीर्वचन भी दिए और कहा कि वर्तमान युग डिजिटल तकनीकी का है जहां उंगलियों से टाइप तथा वाइस टाइपिंग अत्यधिक प्रचलित है, कलम से लिखने की परंपरा बहुत ही कम रह गयी है। ऐसे में नरगट कलम और स्याही से लेखन हमें हमारी प्राचीन परंपरा की याद दिलाते हैं। इस मौके पर उन्होंने बचपन की यादें साझा की और इस कला को संजोने पर बल दिया।

अक्षरांकन कार्यशाला आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रयुक्त होने वाले शिक्षण अधिगम सामग्री को प्रभावी, रोचक और आकर्षित बनाना है ताकि कक्षा शिक्षण सामग्री कक्षा शिक्षण के दौरान विद्यार्थियों का अत्याधिक ध्यानाकर्षण कर सकें। यह कार्यशाला विद्यार्थियों के पाठ्य-सहगामी क्रिया के अंतर्गत आयोजित की गयी जिसमें शिक्षा विभाग में संचालित बी.एड., एम.एड., बी.एड.-एम.एड. (एकीकृत), एम.ए. (शिक्षाशास्त्र) तथा बी.ए.-बी.एड. (एकीकृत) पाठ्यक्रम के 100 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया साथ ही पी-एच. डी. शोधार्थियों के साथ संकाय के सभी सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और सभी ने अपने-अपने मनोभाव को नरगट कलम व स्याही की सहायता से चार्ट पेपर पर लिखने का प्रयास किया। इस कार्यशाला का सफलतापूर्वक संचालन डॉ. राम अवध सहायक आचार्य शिक्षा विभाग ने किया।

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