लखनऊ। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ फूलों से सुसज्जित रथ पर सवार होकर भक्तों को खुद दर्शन देने नगर यात्रा पर निकले यह अद्भुत नजारा मोतीनगर लखनऊ के श्री गौडीय मठ के श्रीश्री जगन्नाथ रथयात्रा रहा। इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा को रत्न जड़ित पगड़ी, पीताम्बर वस्त्र और कीमती आभूषणों से सुशोभित किया गया था। भक्तों ने भगवान की काष्ठ प्रतिमाओं को अपने कंधों पर उठाकर नाचते गाते हुए फूलों से सजे रथ पर विराजमान किया। जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर श्री गौडिया मठ की रथयात्रा निकाली जाती है। जगन्नाथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को उनके मौसी के घर, गुंडिचा मंदिर ले जाने की वार्षिक यात्रा है। इस यात्रा में रथ को खींचने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह यात्रा एकता और समानता का भी प्रतीक है, क्योंकि इसमें हर वर्ग के लोग बिना किसी भेदभाव के भाग लेते हैं। बैंडबाजों तथा संकीर्तन करते भक्तों के बीच रथ पर विराजे बलभद्र, सुभद्रा व जगन्नाथ के दिव्य दर्शन पाने के लिए हजारों भक्तगण मार्गों के दोनों ओर एकत्र थे। जगन्नाथ रथयात्रा का शुभारंभ समिति के मठाध्यक्ष श्री सुधा सिंधु महाराज जी विधि विधान से पूजा अर्चना कर प्रभु को झूला झुलाते हुए फिर चंदन कपूर मिश्रित जल छिड़क कर रथ समार्चना कर आरती करते है। भगवान जगन्नाथ पर कई स्थानों पर फूलों की वर्षा की गई। मृदंग की थाप व घंटे घड़ियाल की लय पर झूमते भक्तों ने जय जय जगन्नाथ स्वामी, हरि हरि बोल, राधे राधे के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे रथयात्रा में पूड़ी, बूंदी, मीठे चावल का प्रसाद वितरण किया गया। यह रथयात्रा श्री गौड़ीय मठ मंदिर मोतीनगर से ऐशबाग रोड, नाका हिण्डोला, बांसमंडी चौराहा, लाटूश रोड, श्रीराम रोड, अमीनाबाद रोड, गणेशगंज से नाका हिण्डोला, आर्यानगर, मोतीनगर चौराहा होते हुए वापस श्री गौड़ीय मठ मंदिर में पहुंचकर समाप्त हुई। रथयात्रा के समापन मठाध्यक्ष श्रीपाद भक्ति सुलभ श्रमण महाराज (सुधा सिंधु महाराज )जी ने बताया कि आपने कई यात्राओं में भाग लिया होगा जैसे- बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ आदि ये यात्रा कठिन होती है किन्तु भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निराली है यहां भगवान जगन्नाथ स्वयं मंदिर से निकलकर भक्तों दर्शन देते है। इस शोभायात्रा में विशेष रूप से गौहाटी, आसाम से भक्ति आलोक आचार्य महाराज ,श्रीपाद जी, कोलकाता, उड़ीसा, मुंबई, दिल्ली, कुरूक्षेत्र, मथुरा, वृन्दावन, पटना, मुगलसराय, काशी, प्रयागराज से पधारे अनेक संतजन एवं गणमान्य लोग सम्मिलित होकर भगवान जगन्नाथ जी अपने को समर्पित कर पूजा अर्चना करते हैं।
अनुपम मित्तल
श्री गौड़ीय मठ, मोतीनगर लखनऊ