एक ओर उत्तर प्रदेश सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए जाना जाता है वहीं उत्तर प्रदेश की अधिकारी अपने बजट को खर्च न कर उसको वापस कर रहे है। जिसको लेकर विभागीय मंत्री ने बैठक में अपने आला अधिकारियों के पेंच कसें।
राकेश सचान ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत बजट तथा उसके सापेक्ष किए गए खर्च की जानकारी ली
अभिषेक यादव
उत्तर प्रदेेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा तथा वस्त्रउद्योग अपने बजट को खर्च नहीं कर पा रहे है कही कर भी रहे है तो बहुत धीमी गति से जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा तथा वस्त्रउद्योग मंत्री राकेश सचान ने नाराजगी बैठक में जाहिर की।
राकेश सचान ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत बजट तथा उसके सापेक्ष किए गए खर्च और आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित बजट की भी जानकारी ली।
इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिया कि खादी के उत्पादों और उसकी बिक्री को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाय। मण्डल स्तरीय प्रदर्शनी लगाकर इसके उत्पादों को लोकप्रिय बनाया जाय। जिससे इससे जुड़े लोगो को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
उन्होंने निर्देश दिया कि माटीकला टूल किट्स वितरण योजना को और अधिक सशक्त बनाये जाने हेतु आगामी आय-व्ययक प्रस्ताव में अधिक धनराशि की मांग कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने की कार्यवाही की जाये। उल्लेखनीय है कि दीपावली के अवसर पर खादी भवन, मुख्यायल एवं इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में लगाये गये माटीकला मेले में रू. 1.00 करोड़ से अधिक की बिक्री हुई साथ ही प्रदेश के समस्त जनपदों में भी दीपावली के अवसर पर 03 दिवसीय माटीकला मेला आयोजित किया गया, जिसमें लगभग धनराशि रू. 14.00 करोड़ से अधिक की बिक्री माटीकला कारीगरों द्वारा किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। बजट उपयोग के सन्दर्भ में विभागीय अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि अवशेष धनराशि की मांग शासन से की जा रही है, जिससे माटीकला के 3000 कारीगरों को निःशुल्क विद्युत चालित चॉक का वितरण का किया जायेगा।
राकेश सचान ने बैठक में एमएसएमई के अधिकारियों को निदेर्शित करते हुए कहा कि एमएसमएई विभाग की महत्ता अत्यधिक है, रोजगार सृजन अधिक से अधिक एम0एस0एम0ई0 सेक्टर से ही होता है, इस ओर बहुत ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है,
अतः वित्तीय वर्ष 2023-24 के विभागीय बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग कराते हुए लाभाथिर्यों को लाभान्वित कराकर शत-प्रतिशत प्रगति प्राप्त करना सुनिश्चत करें।
राकेश सचान ने निर्देश दिया कि एम0एस0एम0ई0 पॉलिसी-2017 के तहत प्राप्त कुल 219 आवेदनो जिनमें से 80 आवेदन कर्ताओं को लाभान्वित कराया जा चुका है के अतिरिक्त शेष आवेदन/प्रकरण जो जनपद/मण्डल/एप्रेजल संस्थाओं के स्तर पर लम्बित हैं उनका तत्काल निस्तारण कराया जाय। उन्होंने एम0एस0एम0ई0 पॉलिसी-2022 के संबंध में निर्देश दिया कि प्राप्त कुल 144 आवेदन में से लंबित प्रकरण तत्काल निस्तारित किये जायें।
उन्होंने एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के संबंध में निर्देश दिया कि शत प्रतिशत प्रशिक्षण सम्पन्न कराते हुए उन्हें ससमय टूलकिट उपलब्ध कराया जाये। योजनान्तगर्त अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के भौतिक लक्ष्य 25000 के सापेक्ष अब तक 18086 लाभाथिर्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तगर्त वित्तीय वर्ष 2023-24 के भौतिक लक्ष्य 75000 के सापेक्ष अब तक 45800 लाभाथिर्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
श्री राकेश सचान ने इस अवसर पर हथकरघा एवं वस्त्रउद्योग तथा रेशम विकास विभाग की समीक्षा करते हुए संचालित योजनाओं की प्रगति की जानकारी और आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
उन्होंने निर्देश दिया कि रेशम के उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा बढावा दिया जाए जिससे रेशम किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल उद्योग का हब बनाने के लिए इस दिशा में तेज़ी से कार्य किया जाय, जिससे लाखों युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा।
बैठक के अंत में अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा तथा वस्त्रउद्योग विभाग अमित मोहन प्रसाद ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का अच्छरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव रेशम विकास विभाग आर रमेश कुमार, सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा तथा वस्त्रउद्योग विभाग प्रांजल यादव, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग राजेश कुमार, विशेष सचिव एवं निदेशक रेशम विकास विभाग सुनील कुमार वर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अरुण प्रकाश, विशेष सचिव सुनील पांडे, शेषमणि पांडे सहित अन्य संबंधित अधिकारी गण मौजूद थे।