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देश में 14 हवाई अड्डे सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत संचालित हो रहे हैं
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के अनुसार वर्ष 2022 और 2025 के बीच 25 एएआई हवाई अड्डों को पट्टे पर देने के लिए निर्धारित किया गया है
वर्तमान में, देश में 14 हवाई अड्डे सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत संचालित होते हैं। पिछले 3 वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2022-23) के लिए इन हवाई अड्डों का विवरण और वार्षिक लाभ/हानि दर्शाने वाला एक विवरण अनुलग्नक-ए में संलग्न है।
हवाई अड्डे का नाम 2020-21 2021-22 2022-23
लाभ($) / हानि(-) लाभ($) / हानि(-) लाभ($) / हानि(-)
लखनऊ’’’ -38.21 -142.68 -160.66
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पिछले 3 वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त 2022-23) के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा संचालित 125 हवाई अड्डों का वार्षिक लाभ/हानि दर्शाने वाला विवरण अनुलग्नक-बी में संलग्न है।
हवाई अड्डे का नाम 2020-21 2021-22 2022-23
लाभ($) / हानि(-) लाभ($) / हानि(-) लाभ($) / हानि(-)
कानपुर चकेरी 6.07 5.47 1.47
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के अनुसार, 25 एएआई हवाई अड्डे, यानी, भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयम्बटूर, नागपुर, पटना, मदुरै, सूरत, रांची, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरूपति, हुबली, इम्फाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजमुंदरी को वर्ष 2022 से 2025 तक पट्टे पर देने के लिए निर्धारित किया गया है।
’ हवाईअड्डे का परिचालन जनवरी, 2023 में शुरू हुआ
’’ एनए का अर्थ है लागू नहीं इस अवधि के दौरान इन हवाई अड्डों को पीपीपी भागीदारों को नहीं सौंपा गया है।
’’’ नवंबर 2020 से मार्च 2021 की अवधि से संबंधित लाभ/हानि डेटा, क्योंकि हवाईअड्डा नवंबर 2020 में पीपीपी भागीदार को सौंप दिया गया था।