भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई कई कदम उठाए हैं। इनमें अन्य बातों के साथ-साथ एमएसएमई मंत्रालय की एमएसएमई इनोवेटिव योजना, नीति आयोग का अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का निधि-समावेशी प्रौद्योगिकी बिजनेस इनक्यूबेटर (निधि-आईटीबीआई) कार्यक्रम, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नियामक सैंडबॉक्स शामिल हैं। यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने बताया कि इनके अलावा, एमएसएमई मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय आदि द्वारा कई परीक्षण और अनुसंधान प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।
एमएसएमई मंत्रालय विचारों के पोषण और विकास के लिए एमएसएमई चौंपियंस योजना के तहत एक घटक, एमएसएमई इनोवेटिव (इनक्यूबेशन) योजना लागू कर रहा है। इस मंत्रालय की एमएसएमई इनोवेटिव योजना के इन्क्यूबेशन घटक के तहत, पिछले तीन वर्षों 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान 43.30 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की अनुदान राशि के साथ 533 विचारों को पोषण और विकास के लिए मंजूरी दी गई है। एमएसएमई मंत्रालय के तहत, 10 टूल रूम (टीआर), 8 प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (टीडीसी) एमएसएमई को परामर्श और अनुसंधान एवं विकास प्रदान करने के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) पूरे भारत में अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमियों का समर्थन करता है, जहां उद्यमियों को अपने विचारों को विपणन योग्य उत्पाद में बदलने में मदद करने के लिए बुनियादी ढांचे और प्रयोगशाला सुविधाओं के निर्माण का समर्थन किया जाता है।
श्री वर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य में, डीएसटी ने मध्य प्रदेश में 4 इनक्यूबेटरों का समर्थन किया है, जिनमें से भोपाल में 2 इनक्यूबेटरों को टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) कार्यक्रम के माध्यम से समर्थित किया गया है और इंदौर में 2 इनक्यूबेटरों को निधि-आईटीबीआई कार्यक्रम के माध्यम से समर्थन दिया गया है। अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी) के तहत, मध्य प्रदेश (रायसेन और इंदौर) सहित आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में 69 इन्क्यूबेटर चालू किए गए हैं। एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम के तहत मध्य प्रदेश राज्य में 6 विचारों और 34 होस्ट इंस्टीट्यूट (एचआई) को मंजूरी दी गई है।