विश्व कैंसर दिवस पर विशेष
सर्वाइकल कैंसर -इस कैंसर को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। यह गर्भशाय के सबसे नीचे के भाग का ख़तरनाक ट्यूमर होता है। यह गर्भशाय के निचले भाग से शुरू होता है और ऊपर योनि तक जुड़ता है जिसे गर्भाशय ग्रीवा कहते हैं। ज्यादातार कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस संक्रमण के कारण होता है । भारत की महिलाओ में होने वाला सबसे आम कैंसर होता है। कैंसर से इलाज़ या बचाव दोनों ही संभव है लेकिन महिलाओ में इनके प्रति जागरूकता कम होने के कारण सही समय पर सही इलाज़ मिल पाना मुश्किल हो जाता है।
Ø एच पी वी (ह्यूमन पापिलोमा वायरस)
Ø असुरक्षित यौन सम्बन्ध
Ø यौन संचारित बीमारियां अन्य धूम्रपान, तनावग्रस्त शैली व्यक्तिगत स्वचछता ना रखना
Ø गर्भनरोधक गोलियां खाना
Ø गर्भधारण
Ø महावारी के समय
सार्विकल कैंसर के लक्षण क्या है?
सहारा हास्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाक्टर शशांक चौधरी जी ने बताया शुरूआती दौर में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है लेकिन लंबे समय के साथ जैसे जैसे यह गंभीर होने लगता है इसके लक्षण दिखने लगते है।
Ø संभोग के समय दर्द महसूस होना एवं रक्तस्राव होना
Ø अनियमित महावारी
Ø ज्यादा रक्तस्राव
Ø भूख में कमी
Ø वजन कम होना
Ø बेवजह थकान लगना
Ø पेट व् कमर दर्द जो पीरियड से सम्बंधित न हो
Ø पेर में सूजन होना
Ø हड्डियों में दर्द होना
सर्वाइकल कैंसर का इलाज़ क्या है?
इस कैंसर का उपचार संभव है यदि शरुआती दौर में इसके लक्षणों को का पता चल जाता है तो इसका इलाज़ किया जा सकता है
Ø सर्जरी द्वारा
Ø रेडिएशन थेरपी
Ø कीमोथेरपी
Ø कीमो रेडिएशन
सरवाईकल कैंसर से बचाव कैसे करे?
Ø एच पी वेक्सीनेशन
Ø आधुनिक स्क्रीनिंग
Ø एच पी वी वेक्सिनेशन- ९ से २६ साल की लड़कियों के लिए उपलबध है
Ø पेप्स स्मीयर टेस्ट और एच पी वी स्क्रीनिंग
Ø सुरक्षित यौन सम्बन्ध
Ø माहवारी के दौरान स्वच्छता रखना का ध्यान रखना
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह जी ने बताया कि हमारे अभिभावक माननीय सहाराश्री जी की प्रेरणा से सहारा हॉस्पिटल के विशेषज्ञ गंभीर से गंभीर रोगो का इलाज दे रहे है और समय समय पर जागरूकता प्रसारित करते रहते है। श्री सिंह ने कहा की कैंसर जैसी असाध्य गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है यदि सही समय पर चिकित्सक की सलाह ली जाएं।