Breaking News

साल 2024 के हज यात्रियों के लिए मुश्किलों को भरा होगा सफर – अनीसमंसूरी

सरकार निजी ऑपरेटर को फायदा पहुंचाने की गरज से लगातार हर साल  यात्रियों की सुविधाओं में कमी करती जा रही उसकी वजह से उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत के सभी राज्यों में लक्ष्य के अनुरूप नहीं जा पा रहे है। यह बातें पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कही।      उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कार्यामंत्रालय भारत सरकार और हज कमेटी ऑफ इंडिया के सुनियोजित कुप्रबंध के चलते हज 2023 की तरह इस साल भी हज बहुत दुशवारी भरा होने वाला है।

 

अनीस मंसूरी ने अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि इस वर्ष प्रदेश के मात्र 20500 लोग हज आवेदन कर सके हैं। इसी तरह देश के अन्य राज्यों से भी काफी कम संख्या में हज आवेदन भरने की रिपोर्ट मिली है,

 

महाराष्ट्र 27500, केरल 25200, गुजरात 20700,कर्नाटका 14000, तेलंगाना 11500, दिल्ली 2500, राजस्थान 4117,इसकी एक मात्र वजह अल्पसंख्यक कार्यामंत्रालय और हज कमेटी ऑफ इंडिया है जिसमें सुनियोजित तरीके से हज कमेटी ऑफ इंडिया के पोर्टल को खत्म करके NIC का पोर्टल इस्तेमाल कर रहे हैं, इस पोर्टल का सर्वर आये दिन डाउन रहा यहां तक कि हज आवेदन की आखिरी तारीख़ 15, जनवरी को पूरी तरह से ठप रहा।

 

अनीस मंसूरी ने कहा कि पूर्व की सपा सरकार में जब हज आवेदन के लिये ₹ 300/-लिये जाते थे तो अकेले उत्तर प्रदेश में 65000 से 70000 तक लोग हज आवेदन करते थे और 36000 से ज़्यादा लोग हज करने जाते थे,इसके विपरित जब मौजूदा सरकार ने नि:शुल्क हज आवेदन शुरू किया तो आवेदकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है, पिछले साल हज का कोटा 31180 था लेकिन 26786 लोगों ने ही आवेदन किया और 24872 लोग हज करने गये।

इस साल हज 2024 में मात्र 20500लोगों ने ही आवेदन किया है, पिछले वर्ष मिले कोटे को देखते हुए इस साल 10680, सीटें खाली जायेंगी।

 

अनीस मंसूरी ने कहा कि हज में तमाम दुशवारियां इस लिये पैदा की जारही हैं कि सरकारी कोटे की बची सीटों को निजी टूर आपरेटरों को बेचा जा सके, उन्होंने कहा कि देश में हज यात्रा पर जाने वाले 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं जो सालों से अपनी खून पसीने की कमाई जोड़ जोड़ कर इकठ्ठा करते हैं लेकिन फिर भी हज आवेदन भरने से लेकर मक्का, मदीना में रहने तथा हज करके वापस आने तक तमाम दुशवारियों का सामना करना पड़ता है।

 

अनीस मंसूरी ने कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है कि हज 2023 में अल्पसंख्यक कार्यमंत्रालय और हज कमेटी ऑफ़ इंडिया की बद इन्तिज़ामी की वजह से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश भर के करीब (1,40,000) एक लाख चालीस हज़ार हज यात्रियों को जितनी परेशानी उठानी पड़ी उतनी कभी किसी हज यात्री ने नहीं उठाई।

उन्होंने कहा कि इस से भी अफ़सोस की बात तो यह है कि हाजियों की बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना करने वाले मौलाना हाजियों कि किसी परेशानी पर चुप्पी साधे रहे, उन्होंने ने कहा कि हज 2024 में भी हज आवेदकों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन कोई मौलाना, धार्मिक संस्थायें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीअत उलेमा हिन्द,सभी चुप्पी साधे बैठे हैं।

 

अनीस मंसूरी ने अल्पसंख्यक कार्यमंत्रालय की मंत्री श्रीमती स्मिर्ति ईरानी जी से मांग की है कि NIC के पोर्टल में आये दिन आने वाली खराबी की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्यवाही करें और हज आवेदन की तिथि 31, जनवरी तक बढ़ायें।

 

इस अवसर पर खुर्शीद आलम सलमानी (का ) प्रदेश अध्यक्ष, मौलाना इलियास मंसूरी,हाजी नसीम मंसूरी, पप्पू कुरैशी, ऐजाज़ अहमद एडवोकेट, वाजिद सलमानी असलम नदवी,हाजी शब्बन

मंसूरी, इमरान मिर्ज़ा के अतरिक्त काफ़ी लोग मौजूद थे।

 

About ATN-Editor

Check Also

केंद्र सरकार की गलत नीतियों व नई हज पॉलिसी में कमियों की वजह से हज 2025 पिछले साल की अपेक्षा और भी मुश्किल भरा होने वाला-अनीस मंसूरी

    लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री  अनीस मंसूरी ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *