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भगवान महावीर के कालजयी उपदेश सदियों तक आने वाली पीढ़ी का मार्ग आलोकित करते रहेंगे-जयवीर सिंह

नपद फिरोजाबाद का पुराना नाम चन्द्रनगर किये जाने के लिए शासन स्तर पर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा
श्री महावीर जी की जैन शोध संस्थान परिसर में स्थापित प्रतिमा का अनावरण

मिली तलवार

भगवान महावीर अहिंसा, करूणा, अपरिग्रह, सदाचार और शाकाहार के कालजयी संदेश आने वाली पीढ़ियों का मार्ग आलोकित करता रहेगा। यें बातें विद्या शोध संस्थान के 33वॉ स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गोमती नगर स्थित श्री महावीर जी की जैन शोध संस्थान परिसर में कही।
उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में फिरोजाबाद के शासक जैन राजा चन्द्रसेन थे और फिरोजाबाद का नाम चन्द्रनगर था। विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा 15वीं सदी में फिरोजाबाद का नाम परिवर्तित किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा अतिशीघ्र ही इसका पुराना नाम चन्द्रनगर बहाल किया जायेगा। इसके साथ ही पर्यटन विकास की विभिन्न योजनायें संचालित की जायेगी।

उन्होंने कहा कि 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ की जन्म स्थली शौरीपुर और पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म स्थली बटेश्वर का विकास 138 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है।
जयवीर सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में 24वें तीर्थंकर महावीर का मोक्ष कल्याणक सालभर जैन संस्थान के उपाध्यक्ष डा0 अभय कुमार जैन के नेतृत्व में संस्थान और सहयोगी संस्थानों के साथ मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र और शोध क्षेत्र में भारत 2047 तक विश्वगुरू की भूमिका में होगा और इस प्रकार विकसित भारत का सपना साकार होगा।
पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी ने कहा कि अयोध्या में पाँच जैन तीर्थंकरों का जन्म हुआ है यह भूमि श्रीराम जन्मभूमि के रूप में भी अत्यन्त पवित्र है। विशेष सचिव संस्कृति राकेश शर्मा ने भी विचार व्यक्त किये। उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अभय कुमार जैन स्वागत भाषण में ने कहा कि हम महावीर के अहिंसा, करुणा और अपरिग्रह के सिद्धांत और सदाचार और शाकाहार के उपदेश संस्थान के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का प्रयास सतत् करते रहेंगे। सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत निदेशक अमित अग्निहोत्री एवं बौद्ध संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सिंह ने किया।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन, प्रादेशिक अध्यक्ष जवाहर लाल जैन पूर्व डीजीपी ए के जैन, वयोवृद्ध धर्मवीर जैन, कैलाश जैन,वी.के. जैन, 2550 वीं निर्वाण महोत्सव के अध्यक्ष आदीश जैन, मंत्री बृजेश जैन बंटी, संयोजक संजीव जैन, अभिषेक जैन डॉ. ए.के. जैन सहित जैन समाज के गणमान्य उपस्थित रहे। महावीर दर्शन विचार गोष्ठी में प्रो. सुधा जैन, प्रो. पवन अग्रवाल, डॉ. पत्रिका जैन, सुनयना जैन संजीव नाहर ने उद्गार व्यक्त किये।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं की पेन्टिंग एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
उ.प्र. ललित कला अकादमी की ओर से महावीर चित्र-कला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ।

 

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