मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने “उद्यमिता विकास की ओर उत्तर प्रदेश” कार्यक्रम का किया शुभारंभ
कौशल विकास मंत्री ने ‘हुनर मित्र’ पत्रिका के प्रवेशांक का किया विमोचन
राजकीय आईटीआई बाराबंकी, गोरखपुर तथा बुलंदशहर के प्रधानाचार्य एवं पाँच उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशिक्षण प्रदाता व प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसीज हुई सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कौशल विकास, रोजगार सृजन और युवाओं के आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है
सरकार का लक्ष्य युवाओं को रोजगार सृजक बनाना और पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहित करना है
22 औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ समझौते हुए, 26,811 युवाओं को रोजगार मिलेगा
पूजा श्रीवास्तव लखनऊ
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ के मार्स ऑडिटोरियम में आयोजित उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा “उद्यमिता विकास की ओर उत्तर प्रदेश” विषयक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास से जुड़े समस्त स्टेकहोल्डर, जिसमें सेक्टर स्किल काउंसिल, उद्योग, उद्यमी, सरकार तथा एकेडमिक्स सम्मिलित है, को एक मंच पर लाकर कौशल विकास मिशन कार्यक्रमों को सही दिशा में लागू करने की राजनीति का निर्धारण करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मंत्री अग्रवाल ने सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सरकार हर मोर्चे पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश कौशल विकास, रोजगार सृजन और युवाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में युवाओं के कौशल विकास, रोजगारपरकता और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की अहम भूमिका होगी। इसके लिए सरकार उद्योग जगत से नवाचार, कौशल विकास में निवेश और सहभागिता बढ़ाने का आह्वान कर रहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य युवाओं को रोजगार खोजने वाला (जॉब सीकर) के बजाय रोजगार सृजक (जॉब क्रिएटर) बनाना है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे प्राप्त हो रहे प्रशिक्षण को गंभीरता से लेकर अपने कौशल को निखारें। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पारंपरिक स्वदेशी उद्योगों को भी प्रोत्साहित करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश के युवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाया जाए।
कार्यक्रम के दौरान कौशल विकास मंत्री ने ‘हुनर मित्र’ पत्रिका के प्रवेशांक का विमोचन किया और मिशन द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने प्रशिक्षण में निपुणता लाकर प्रदेश व देश की आर्थिक प्रगति में सहभागी बनें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान, नियोजक और अन्य हितधारक रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने हेतु मिशन के साथ भागीदारी करें ताकि उद्योगों की आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित युवा उपलब्ध कराए जा सकें।
अपने समापन भाषण में प्रमुख सचिव द्वारा उद्यमशीलता के महत्व को रेखांकित करते हुए कौशल विकास को उद्यमिता उन्मुख बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने उद्यमिता के संबंध में निहित जोखिम के मिथकपूर्ण भय पर विजय पाने हेतु युवाओं को प्रेरित किया। उनके द्वारा इसी प्रकार के कार्यक्रम लगातार कराए जाने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई।
मिशन निदेशक पुलकित खरे ने कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कार्यक्रम में रिलायबल फर्स्ट एडकॉन प्राइवेट लिमिटेड, क्वेस कॉर्प, गकोंडेस एक्सपोर्ट्स, और सरन्या हेल्थ सर्विस प्राइवेट लिमिटेड सहित 22 औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ आपसी सहमति पत्र (एम०ओ०यू०) व आशय पत्र (एल०ओ०आई०) हस्ताक्षरित किए गए हैं। इससे 26,811 युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों नीता पासवान, ओमप्रकाश, आंचल (सुल्तानपुर) और जया (मिर्जापुर) ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भरता और रोजगार के बेहतर अवसर मिले हैं।
कार्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा की आवश्यकता पर केंद्रित विचार-विमर्श भी आयोजित हुआ, जिसका संयोजन संयुक्त निदेशक मयंक गंगवार ने किया। विचार-विमर्श में लखनऊ विश्वविद्यालय, सेक्टर कौशल परिषद, परियोजना क्रियान्वयन अभिकरण (पी०आई०ए०) व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रोफेसर खेमंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रशिक्षण परिणाम आधारित होना चाहिए। मोटर वाहन क्षेत्र के विशेषज्ञ विक्रम सिंह ने विद्यालय-कॉलेज स्तर पर कौशल आधारित कार्यक्रमों की आवश्यकता बताई। कृष्ण कुमार ने ग्रामीण युवाओं में संवाद क्षमता व आत्मविश्वास की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए व्यक्तित्व विकास व संवाद कौशल पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
विशेषज्ञों द्वारा स्कूल स्तर से ही विद्यार्थियों को उद्यमिता के बारे में जागरूक करने तथा मूल्यांकन प्रक्रिया में इंडस्ट्री के प्रतिभाग पर विशेष जोर दिया गया। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एस्पिरेशनल बनाने तथा प्रशिक्षकों की इंटर्नशिप करने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव भी विशेषज्ञों से प्राप्त हुए।
कार्यक्रम में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बाराबंकी, गोरखपुर तथा बुलंदशहर के प्रधानाचार्य को उनकी उत्तम निष्पादन हेतु सम्मानित भी किया गया साथ ही पांच उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशिक्षण प्रदाताओं व प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसीज को भी सम्मानित किया गया
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के मुख्य परिचालन अधिकारी आशीष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया