अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)) दिशानिर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों के गैर-अनुपालन के लिए आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड, मुंबई (कंपनी) पर ₹20 लाख (केवल बीस लाख रुपये) का मौद्रिक जुर्माना भारतीय रिजर्व बैंक ने लगाया है। ये जानकारियां भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने जारी एक बयान में दी।
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।
पृष्ठभूमि पर योगेश दयाल ने बताया कि कंपनी का वैधानिक निरीक्षण आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2021 को उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट, पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ, पता चला कि कंपनी अपने ग्राहकों की निरंतर उचित परिश्रम करने में विफल रही, जब उसने (प) उनके जोखिम वर्गीकरण का कार्य नहीं किया और (पप) संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी पहचान और रिपोर्टिंग के लिए किसी भी मजबूत सॉफ़्टवेयर का उपयोग नहीं किया। नतीजतन, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई कि आरबीआई के निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए, जैसा कि उसमें कहा गया है।
नोटिस पर कंपनी के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरबीआई के उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप प्रमाणित हुआ और मौद्रिक जुर्माना लगाना जरूरी हो गया।