बच्चा क्या सोचता है, क्या बनना चाहता है यह जानना जरूरी है-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल ने डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में 200 आंगनबाड़ी किट का वितरण किया

आंगनबाड़ी केंद्र में शिक्षा पूर्ण करने वाले बच्चों का नामांकन अगली कक्षा में भी होना सुनिश्चित हो
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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में बच्चों के समग्र विकास के प्रति हो व्यापक दृष्टिकोण
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बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य शिविरों का हो आयोजन
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बच्चों की क्षमताओं को पहचान कर करें उनका विकास
– बेबी रानी मौर्य

पूजा श्रीवास्तव

08 साल की उम्र तक बच्चे 80 प्रतिशत सीख जाते हैं। सीखने की प्रक्रिया माता के गर्भ से ही शुरू होती है तथा गर्भ में पल रहे शिशु के विकास हेतु गर्भवती माता के खानपान व उचित पोषण पर ध्यान दिया जाना चाहिए।बच्चा क्या सोचता है, क्या बनना चाहता है यह जानना जरूरी है इस लिए बाल मनोविज्ञान को पढ़े जाने व प्रशिक्षण की जरुरत है। यें बातें आंगनबाड़ी किट का वितरण करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में कही।

राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय में होने से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में शिक्षा हेतु प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में शिक्षा पूर्ण करने वाले बच्चों का नामांकन अगली कक्षा में भी होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए तथा बच्चों के समग्र विकास के प्रति आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए।
राज्यपाल जी ने आंगनबाड़ी केंद्रों के सी0डी0पी0ओ0 व सुपरवाइजर्स को निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चे विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों व गतिविधियों में संलग्न हो, इस बात का सुपरविजन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा
राज्यपाल जी ने कहा कि आज आंगनबाड़ी केंद्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जा रहा है जो महत्वपूर्ण है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वच्छता तथा बच्चों के शारिरिक एवं मानसिक विकास पर ध्यान दिए जाने हेतु निर्देशित किया। इस क्रम में उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन को भी आवश्यक बताया।
उन्हांने कहा कि बच्चों को थाना, जेल आदि का भ्रमण कराया जाना चाहिए जिससे उनमें गुनाह नहीं करने का भाव आएगा।


इस अवसर पर प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने राज्यपाल जी द्वारा आंगनबाड़ी के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए आभार व्यक्त किया तथा कहा कि अक्षर ज्ञान, भाषा ज्ञान, और अंक ज्ञान को समझने के लिए बच्चों के बीच विविध गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की क्षमताओं को पहचान कर उनका विकास किया जाना चाहिए।
आज वितरित कुल 200 आंगनबाड़ी किटों में 100 किट डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के सहयोग से दिया गया एवं 100 आंगनबाड़ी किट स्टेट बैंक आफ इंडिया के सौजन्य से प्रदान किया गया। ज्ञातव्य है कि राज्यपाल महोदय की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक लगभग 14000 आंगनबाड़ी किटों का वितरण किया जा चुका है।
राज्यपाल जी द्वारा 10 अति कुपोषित बच्चों हेतु पोषण किट भी प्रदान किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में बाल वाटिका, मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र स्वरूप एवं स्तनपान जागरूकता संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी राज्यपाल जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी, मुकेश शर्मा, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 जे0पी0 पांडेय, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया लखनऊ के मुख्य महाप्रबन्धक शरद चाण्डक, मुख्य विकास अधिकारी, लखनऊ, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, बच्चे आदि मौजूद थे।

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