टीटू ठाकुर
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2021 के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए मुथूट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (कंपनी) पर ₹5,00,000/- (केवल पांच लाख रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। ये जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक पुनीत पंचोली ने जारी एक बयान में दी।
उन्होंने बताया किराष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा 31 मार्च, 2022 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का वैधानिक निरीक्षण किया गया था। आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई थी कि उक्त निर्देशों का पालन करने में विफल रहने के लिए उस पर अधिकतम जुर्माना क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर कंपनी के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान उसके द्वारा दिए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने पाया कि कंपनी प्रबंधन में बदलाव के लिए आरबीआई की पूर्व लिखित अनुमति लेने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर उसके 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक बदल गए, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना उचित था।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय लेना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक जुर्माने का लगाया जाना आरबीआई द्वारा कंपनी के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना है।