मिशन चंद्रयान-3 पर गतिविधि-आधारित सहायता सामग्री के साथ वेब पोर्टल अपना चंद्रयान लॉच
मिशन चंद्रयान-3 पर 10 विशेष मॉड्यूल भी लॉन्च
सूफिया ंिहदी
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वेब पोर्टल अपना चंद्रयान लॉन्च किया जिसमें मिशन चंद्रयान-3 पर स्कूली छात्रों के लिए गतिविधि-आधारित सहायता सामग्री जैसे कि क्विज़, पहेलियां आदि उपलब्ध हैं। इसे शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के तत्वावधान में एनसीईआरटी द्वारा विकसित किया गया है।
उन्होंने चंद्रयान-3 पर 10 विशेष मॉड्यूल भी जारी किए, जो इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में व्यापक रूप से बताते हैं – जिसमें वैज्ञानिक, तकनीकी और सामाजिक पहलुओं के साथ-साथ इस मिशन में शामिल वैज्ञानिकों की भावनात्मक यात्रा और टीम भावना के बारे में भी बताया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान ने चंद्रयान-3 की सफलता को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बताया, जिसने देश के बच्चों को सबसे अधिक प्रेरित किया है। उन्होंने छात्रों के बीच स्व-शिक्षा की सुविधा प्रदान करने और उसे अधिक सुलभ बनाने के लिए इस वेब पोर्टल का एपीपी विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 ने छात्रों में आत्मविश्वास जगाया है और उन्हें प्रौद्योगिकी को समझने के लिए प्रेरित किया है, जिससे उनमें वैज्ञानिक चेतना विकसित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें आत्मविश्वास से लैस करने के लिए डॉ. सोमनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. सोमनाथ से चंद्रयान 3 की कहानियों को देश के बच्चों तक पहुंचाने का अनुरोध किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा डॉ. सोमनाथ को सौंपे गए कार्यों के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसमें कक्षीय अंतरिक्ष केन्द्र की स्थापना, अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहनों का विकास आदि शामिल हैं। उन्होंने उनसे छात्रों के लिए विज्ञान को मनोरंजक बनाने का भी आग्रह किया।
डॉ. सोमनाथ ने चंद्रयान की कहानियों को देश के युवा छात्रों तक ले जाने की पहल के लिए धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद दिया। बच्चों को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके चंद्रयान 3 मिशन को पूरा किया। उन्होंने छात्रों से 21 अक्टूबर 2023 को सुबह 0800 बजे गगनयान के प्रक्षेपण को देखने का अनुरोध किया। उन्होंने युवा प्रतिभाओं को आलोचनात्मक सोच को अपनाकर शोधकर्ता बनने के लिए प्रेरित किया।
श्री संजय कुमार ने बताया कि कैसे मंत्री महोदय के सुझावों के परिणामस्वरूप चंद्रयान 3 के बारे में आयु-आधारित मॉड्यूल को विकसित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की अन्य प्रमुख उपलब्धियों को श्रृंखलाबद्ध करते हुए ऐसे और भी मॉड्यूल विकसित किए जायेंगे। श्री कुमार ने यह भी बताया कि इन मॉड्यूल में नई पहेलियां, प्रश्न आदि जोड़े जाएंगे और यह 23 अगस्त 2024 तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस सामग्री का प्रौद्योगिकी की मदद से सभी 22 भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि युवा प्रतिभाओं के पास अब एनईपी2020 की मदद से सीखने की असीमित संभावनाएं उपलब्ध हैं।
लॉन्च किए गए वेब पोर्टल में चंद्रयान 3 पर ग्राफिक उपन्यासों के रूप में रंग भरी जाने वाली किताबें, ऑनलाइन क्विज़, जिग्सॉ पहेली, चित्र निर्माण और प्रेरक कहानियों का एक संग्रह है। प्रारंभिक और प्राथमिक स्तर के लिए पृष्ठ में रंग भरना, बिंदु से बिंदु मिलान गतिविधियां, निर्देशों के साथ कलर कोडिंग, आदि तैयार की गयीं हैं, जिससे छात्रों में ध्यान से देखने का अभ्यास और जागरूकता विकसित होगी। प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तरों के लिए आपसी-संवाद आधारित ऑनलाइन क्विज़ होंगे, जिनमें उत्तरों के लिए व्याख्यात्मक फीडबैक भी शामिल होगा। 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागियों को डिजिटल प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे और पहले 1000 विजेताओं को आयु-उपयुक्त पुस्तकें प्रदान की जायेंगी। प्रारंभिक, प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक स्तरों के लिए जिग्सॉ पहेलियाँ और चित्र निर्माण भी विकसित किए गए हैं। साथ ही, ग्राफिक उपन्यासों के रूप में प्रेरक कहानियां भी होंगी, जिनमें उन घटनाओं वर्णन होगा, जिन्होंने इसरो की चंद्रयान 3 तक की यात्रा को अंतिम रूप दिया।
इनके अलावा, चंद्रयान 3 की सफलता पर हितधारकों के लिए कई भाषाओं में 10 विशेष
वैज्ञानिक सोच की संस्कृति को बढ़ावा देकर और एनईपी 2020 के दृष्टिकोण को प्राप्त करके राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भारत में अंतर-विषयक -बहुविषयक शिक्षा और समस्या-समाधान को बढ़ावा देना समय की मांग है। ये गतिविधियां छात्रों को 21वीं सदी की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक बहुमुखी कौशल प्रदान करेंगी, जो अंततः वैश्विक मंच पर भारत की प्रगति और नवाचार में योगदान देंगी क्योंकि विश्व गुरु ष्वसुधैव कुटुम्बकमष् के मूल मूल्य से प्रेरित हैं। इन ज्ञान उत्पादों का उपयोग छात्रों, शिक्षकों, अध्यापकों और स्कूली मार्गदर्शकों सहित स्कूली शिक्षा प्रणाली के लिए सहायक सामग्री के रूप में किया जाएगा, ताकि प्रत्येक बच्चे के समग्र विकास के लिए उनके शिक्षण माहौल में इसका उपयोग किया जा सके।