गांधीवादियों ने किया विरोध
कबाड़ से कंचन वाली कहावत के तहत बनाया था
मेरठ । नगर निगम मेरठ ने वेस्ट कबाड़ से अलग अलग कलाकृतियां बनाकर शहर के चौराहों को सजाया शुरू किया था ।जिसकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में भी की। लेकिन इस बीच नगर निगम ने कुछ ऐसा कर दिया कि विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, शासन और जनता से वाहवाही लूटने के चक्कर में निगम ने जल्दबाजी में कमिश्नरी चौराहे पर राष्ट्रपिता की स्टैच्यू लगाई। लेकिन स्टैच्यू की शक्ल काफी खस्ता दिख रही हैं। स्टैचू को देकर कुछ लोगों का कहना हैं इस स्टैच्यू की शक्ल काफी डरावनी है। इसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा हैं। लोगों ने इस स्टैच्यू का जमकर विरोध किया। कहा गया कि ऐसा करके नगर निगम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है। हालांकि जब नगर निगम की स्टैचू को लेकर काफी बाते बनाने लगी और नगर निगम को लोग बुरा कहने लगे तो नगर निगम की से लगे महात्मा गांधी के स्टैच्यू को हटा दिया । दरसल 2 अक्टूबर, गांधी जयंति के दिन नगर निगम ने इसे कमिश्नर कार्यालय के बाहर सेल्फी प्वाइंट वाली जगह पर लगाया था। इसे इको इंडिया इनोवेशन कंपनी के आर्टिस्ट डॉ. प्रिंस राज ने तैयार किया था। इसे इस लिहाज से बनाया गया था कि लोग बापू की फोटो के साथ सेल्फी ले सकें। नगर आयुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह और टीम लीडर मयंक मोहन भी इसके उद्घाटन के समय मौजूद थे।
इसे नगर निगम की तरफ से इको इंडिया कंपनी ने तैयार किया। इसमें करीब सवा लाख रुपए का खर्च आया है। यह पूरा स्टैच्यू आयल ड्रम के स्क्रैप, रिक्शा के व्हील और नट बोल्ट से तैयार किया गया था इसे बनाने में 15 दिन से ज्यादा का वक्त लगा। स्टैच्यू का चेहरा बेहद खराब और भद्दा बन गया जिसे देख कर लोगो ने नगर निगम को बुरा भला कहना शुरू कर दिया।
स्टैचू को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बापू के चेहरे, चरित्र और त्याग के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है। लेकिन मेरठ मे बापू की प्रतिमा का इस तरह रूप दिखाकर अपनी कुंठा का प्रदर्शन किया जा रहा है। लल्लू ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों की खबर लीजिए। बापू का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस पर अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर कबाड़ से जुगाड़ करके बापू का यह स्टैच्यू तैयार किया गया। इसको लेकर हमने जनता से फीडबैक भी मांगा था। जनता ने इसको लेकर अपने कई सुझाव दिए और पसंद भी किया है। यह परमानेंट स्टैच्यू नहीं था। अभी केवल फीडबैक के लिए इसे लगाया गया था। फिलहाल इसे हटा लिया गया है। इसे और अच्छे से बनाकर इसे कहीं और लगाया जाएगा।