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केंद्रीय राज्य मंत्री, भानु प्रताप सिंह वर्मा ने ग्रामीण कारीगरों को बांटे विद्युत चालित चाक और आटोमेटिक अगरबत्ती मशीनें

अगरबत्ती उद्योग के लिए आंचलिक कार्यशाला व जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान’ को और सशक्त करने के लिए माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा के कर कमलों द्वारा आज केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा के कर कमलों द्वारा जनपद जालौन के 60
कारीगरों को 40 विद्युत चालित चाक एवम 20 ऑटोमैटिक अगरबत्ती मशीन का वितरण भी किया गया।
ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत कोंच, जालौन स्थित मथुरा प्रसाद महाविद्यालय में विद्युत चालित चाक और आटोमेटिक अगरबत्ती मशीनों का वितरण किया।
इस अवसर पर उन्होंने सभी लाभार्थियों को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से जुड़ने की अपील की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है।
पिछले 9 वर्षों में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री ने ग्रामीण भारत के कारीगरों को आर्थिक रूप से समृद्ध किया है। कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग और टूलकिट प्रदान कर केवीआईसी उन्हें आधुनिक बनाने के साथ-साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत अभियान’ से भी जोड़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में कुल 697 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। वर्ष 2023-24 में इन संस्थाओं द्वारा लगभग 433.04 करोड़ रुपये का उत्पादन किया और लगभग 695.04 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई। इसके माध्यम से यहां पर 1.32 लाख कारीगरों को रोजगार प्रदान किया गया।
वितरण कार्यक्रम के दौरान कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए 40 कुम्हारों को ट्रेनिंग के बाद विद्युत चालित चॉक, 20 अगरबत्ती मशीनों का भी वितरण किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है।
मंत्री ने आगे कहा कि केवीआईसी ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है। लाभार्थियों को उपकरण देने के साथ ही केवीआईसी उन्हें उनके उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार स्फूर्ति योजना संचालित कर रही है। केवीआईसी के माध्यम से उत्तर प्रदेश में इस समय 15 स्फूर्ति क्लस्टर संचालित हो रहे हैं जिसमें परंपरागत कारीगरों को रोजगार मिल रहा है।
इस अवसर पर राज्य निदेशक डा. नितेश धवन द्वारा केवीआईसी के विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनओं की विस्तारपूर्वक जानकारी सभी उद्यमियों को दी गई तथा उन्हे योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया । एफडीडीसी कन्नौज के निदेशक द्वारा भी अगरबत्ती उद्योग के तकनीकी पक्षों से उद्यमियों को अवगत कराया गया ।
वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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